बदायूं का तरबूज खायेगा सऊदी-नेपाल-बंग्लादेश

13 बीडीएन 11–कादरचौक स्थित गंगा की कटरी में लगायी गयी पलेज को सही करता किसान।

13 बीडीएन 12–कछला के समीप हुसैनपुर में गंगा की कटरी में लगायी गयी पलेज को सही करता किसान।

कादरचौक और कछला क्षेत्र में होती बंपर पॉलेज

अप्रैल महीने से मिलना शुरू हो जायेगी पॉलेज

जौनपुरी और काला वैरायटी की अधिक डिमांड

पॉलेज की शुरुआत में ठेकेदारों से एडवांस सौदा

उझानी। संजीव सक्सेना

गंगा किनारे तलहटी में तैयारी होने वाली पॉलेज के तरबूज दिल्ली, नेपाल, बंग्लादेश, सऊदी के लोग खायेंगे। गंगा किनारे बसे गांव के लोगों ने नालियां तैयार कर पॉलेज लगानी शुरू कर दी है। इस पॉलेज से 15 अप्रैल के बाद तरबूज मिलना शुरू हो जायेंगे, लेकिन तरबूज के व्यापारियों ने फसल लगने की शुरुआत में ही एडवांस में सौदा करना शुरू कर दिया है। थोक में स्थानीय स्तर के किसानों से आठ से 10 रुपये किलो तरबूज तय किया जा रहा है।

कछला, कादरचौक, उसहैत क्षेत्र में गंगा नदी एवं दातागंज में राम गंगा नदी की रेतीली चादर में तैयार होने वाले काला बादशाह, जौनपुरी, माधुरी, काटरकोला वैरायटी के तरबूज ने बदायूं के लिये पहचान दूसरे राज्यों के अलावा विदेशों तक में दिलायी है। खासकर बदायूं में तैयार होने वाला तरबूज दिल्ली, नेपाल, बंग्लादेश, सऊदी में सप्लाई होता है।

इन दिनों हुसैनपुर, चंदनपुर, खेड़ा, पिपरोल, कोतल नगला, पलिया, सरौता, खजुरारा, कादरगंज, ककोड़ा में किसान पॉलेज तैयार करने में लगे हैं। इसके लिये वह नाली विधि से पॉलेज तैयार कर रहे हैं। बताते हैं कि नाली विधि से रेत की चादर पर तैयार तरबूज में मिठास काफी होती है, तरबूज सुर्क भी होता है। इसके साथ ही स्वादिष्ठ से भी तरबूज भरपूर होता है। ऐसे में यहां के तरबूज की विदेशों तक डिमांड रहती है और यही वजह है कि बाहरी ठेकेदार स्थानीय बढ़े तरबूज उत्पादकों से एडवांस में सौदा कर लेते हैं। इन दिनों भी यही हाल है।

दिल्ली की आजादनगर मंडी के व्यापारी हुसैनपुर में किसानों के पास एडवांस में सौदा करने पहुंच रहे हैं, कुछ किसानों ने तो सीजन में आठ से 10 रुपये किलो के भाव में तरबूज सप्लाई के लिये एडवांस ले लिया है तो कुछ भाव बढ़ने के इंतजार में अभी एडवांस लेने से इनकार कर रहे हैं। हुसैनपुर के तरबूज उत्पादक चमन कश्यप ने बताया कि अपने यहां तैयार तरबूज की विदेशों तक सप्लाई होती है। व्यापारी अभी से एडवांस सौदा के लिये आ रहे हैं।

छह हजार हेक्टेयर पर तरबूज

जिले में छह हजार हेक्टेयर पर किसान पॉलेज करते हैं। इसमें कुछ रकबा वह भी शामिल है जिसमें किसान अपने खेतों में पॉलेज करते हैं। पॉलेज में किसान तरबूज के अलावा खरबूज, खीरा, ककड़ी भी करते हैं। सबसे ज्यादा तरबूज की खेती करते हैं।

मदर डेयरी खरीदती है तरबूज

By Editor

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